लोगों की राय

कविता संग्रह >> आज की मधुशाला

आज की मधुशाला

डॉ. संंजीव कुमार

प्रकाशक : नित्शु सोल्यूशन्स प्रा लि प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :141
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16223
आईएसबीएन :9789391441364

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

आज की मधुशाला

1


मधुशाला सौगात मानकर,
दिल ने सदा सँभाली है।
'हरि' की इच्छा, नेह समझकर,
हमने अब तक पाली है।


युग बदला है, जीवन बदले,
बदल गई साकी बाला।
मौन ताकती रहती व्याकुल
अब तो सबको मधुशाला।।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book